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है कोई पूछने वाला, अरुणांचल में कहाँ गए हिन्दू, आसमान खा गया या पाताल निगल गया



छोड़िये 92% ईसाई आबादी वाला नागालैंड, 99% ईसाई आबादी वाला मिजोरम 
अब तो अरुणांचल प्रदेश में भी सबसे बड़ा मजहबी समूह ईसाइयत हो चूका है 

2011 के ही आंकड़े है, आज तो 2017 है 
2011 में अरुणांचल प्रदेश में 34% ईसाई है, हिन्दुओ की आबादी 29% हो चुकी है 

सिर्फ 10 साल पहले 2001 में अरुणांचल में ईसाई आबादी 18% थी, सिर्फ 10 साल में यानि 2001 से लेकर 2011 तक में 18% ईसाई बढ़कर 34% हो गए 

हिन्दू और बौद्ध जो 1951 में 99% थे, आज दोनों मिलकर सिर्फ 55% बचे है 
1951 में अरुणांचल प्रदेश में 1 भी ईसाई नहीं था, ईसाई आबादी यहाँ 00% थी 

1961 में अरुणांचल प्रदेश में 1753 ईसाई थे, अरुणांचल प्रदेश की आबादी का मात्र 0.51% 
1971 में ईसाई 2% हो गए, 1981 में ईसाई 7% हो गए, 1991 में ईसाई 12% हो गए और 2001 में ईसाई 18% हो गए, 2011 में ईसाई 34% हो गए 

जबकि हिन्दू और बौद्ध जो 1951 में 99% थे, वो दोनों मिलाकर अब 55% हो चुके है 

इतने हिन्दू और बौद्ध आखिर कहाँ गए, अरुणांचल प्रदेश हिन्दू बहुल  राज्य था 
हिन्दू सबसे बड़ी आबादी तो बौद्ध दूसरे नंबर पर थे, पर अब ईसाई बहुल राज्य है 

कोई नहीं है सवाल पूछने वाला, खुद हिन्दू समाज भी नहीं पूछता की अरुणांचल प्रदेश के हिन्दू आखिर कहाँ गए, उन्हें आसमान खा गया या पाताल निगल गया 

यहाँ नोट करने वाली चीज ये है की, अरुणांचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार तो अब आयी है 
वहां 1947 से ही कांग्रेस की सरकारें रही है 
और कांग्रेस ने हिन्दुओ का धर्मांतरण के जरिये सफाया करके रख दिया, और कांग्रेस से किसी ने सवाल भी नहीं किया की हिन्दू कहाँ गए 

नोट 2 : 2001 में 19% थे ईसाई, 2011 में 34% हो गए 
इन 10 सालों में सबसे तेजी से बढे ईसाई और तेजी से घटाए गए हिन्दू, यहाँ नोट ये करना चाहिए की 2004 से 2014 तक केंद्र में सोनिया गाँधी सत्ता में थी, सोनिया गाँधी के काल में सबसे तेजी से हुआ 
धार्मिक परिवर्तन