प्लेबॉय कोई सामाजिक पत्रिका नहीं, ये एक अश्लील पत्रिका है
अभी हाल ही में इसके संपादक का निधन हुआ है
और प्लेबॉय के संपादक के निधन पर हमे जवाहर लाल नेहरू याद आ गए
आप कल्पना कीजिये अगर नरेंद्र मोदी जो की अभी भारत के प्रधानमंत्री के पद पर है
वो किसी पोर्न वेबसाइट, अश्लील पत्रिका को समय दें, इंटरव्यू दें तो कितना हंगामा होगा, ये सोच के भी अजीब लगता है की कोई भारत का प्रधानमंत्री जो प्रधानमंत्री के पद पर हो
वो ऐसा कर सकता है
पर जवाहर लाल नेहरू जरा अलग किस्म के शख्स थे
नेहरू पर ये तथ्य भारत के बहुत ही कम लोगो को पता है, छुपाया भी जाता है चूँकि नेहरू तो "चचा" है बाल दिवस मनाया जाता है उनके जन्मदिवस पर, प्लेबॉय जैसी अश्लील पत्रिका से उनका नाम जुड़ेगा तो क्या मुँह दिखाएगी कांग्रेस
खैर, आपको अक्टूबर 1963 की बात बताते है
नेहरू भारत के प्रधानमंत्री के पद पर थे और उन्होंने अक्टूबर 1963 में इस अश्लील पत्रिका प्लेबॉय को समय दिया था, इंटरव्यू दिया था
जिस प्लेबॉय के संस्करण में नेहरू का इंटरव्यू छापा गया था उसका कवर पेज देखिये
ये है अक्टूबर 1963 प्लेबॉय पत्रिका का कवर, लिखा है ऊपर डेट
अक्टूबर 1963, और कीमत थी पौने अमरीकी डॉलर
और नीचे ये भी लिखा है की, "भारत के नेहरू के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू", और साथ और भी कंटेंट जो पत्रिका में छपे उसकी जानकारी लिखी है
अब इस पत्रिका में नेहरू का इंटरव्यू जो छापा गया था वो पेज देखिये

नेहरू की सिगरेट पीते हुए तस्वीर भी छपी थी, ये सब गूगल पर मौजूद है, हम कोई ज्यादा रिसर्च कर इसे नहीं डाल रहे, आप भी "नेहरू प्लेबॉय इंटरव्यू" सर्च करेंगे आपको सब मिल जायेगा

नेहरू के बारे में काफी चीजें इस पत्रिका में छपी थी जो इंटरव्यू में नेहरू ने स्वयं ही इस पत्रिका को बताया था, काफी अश्लील चीजें जिनको हम दैनिक भारत पर नहीं लिखेंगे
अब नेहरू जो की भारत के प्रधानमंत्री के पद पर थे वो एक ऐसी पोर्न पत्रिका को समय देते थे
पर नेहरू पर है कोई सवाल उठाने वाला