आप हमारी मीडिया, लेखकों और बुद्धिजीवियों के दोहरे रुख को देखिये
1 राज्य कर्णाटक
कुछ दिनों पहले अज्ञात हमलावरों ने भारतीय सेना, हिन्दुओ, भारत को गाली देने वाली शहरी नक्सली गौरी लंकेश की हत्या कर दी
कर्णाटक की पुलिस ने भी कह दिया की किसी हिन्दू संगठन का इसमें हाथ नहीं
पर हमारे तमाम वामपंथी और सेक्युलर नेताओं, मीडिया वालो ने बार बार एक ही बात कही
"गौरी लंकेश की हत्या हिन्दू ने करी", "गौरी लंकेश की हत्या भगवा आतंकवाद है"
बार बार हिन्दुओ को दोषी ठहरा कर डिबेट किये गए, लेख लिखे गए
अभी 2 दिन पहले नंदिनी नाम की एक हिन्दू महिला को जान से मार देने की कोशिश की गयी
हिन्दू महिला ने स्वयं बताया, "अवैध कत्लखाना चल रहा था, जिसकी शिकायत मैं कर्णाटक पुलिस के पास लेकर गयी, कर्णाटक पुलिस ने कहा हमारे पास गाडी नहीं है आप अपनी गाड़ी से ले चलो
और जैसे ही मैं उस इलाके में पहुंची, 100 से ज्यादा की भीड़ मेरा इंतज़ार कर रही थी और मेरी हत्या की कोशिश करि, मेरी गाडी तोड़ दी गयी"
नंदिनी ने स्वयं बताया की, पुलिस ने मेरी हत्या करवाने की कोशिश की
मैंने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने अपरधियाँ को सुचना दे दी, और पुलिस ने मुझपर हमले के लिए जाल बिछाया
ये है कर्णाटक की स्तिथि, जहाँ एक हिन्दू महिला ने अवैध काम की शिकायत की और
अपरधियों के साथ पुलिस मिल गयी उसकी हत्या करने के लिए
पर इसपर बड़े बड़े मीडिया के लोग, बुद्धिजीवी और कथित सेक्युलर नेता बिलकुल चुप है
यहाँ हिन्दू महिला जिसका नाम नंदिनी है उसकी बस इतनी गलती हो गई की कांग्रेस के राज में उसने गौहत्या की शिकायत करने की गलती कर दी
और उसकी जान बस जाते जाते बच गई, और मीडिया ने इस घटना को कबका दबा भी दिया