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वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी लूट में बन रहे थे रोड़ा, चिदंबरम ने कराई उनकी जासूसी, राष्ट्रपति बना बाहर किया


छोटा चिदंबरम तो बड़े चिदंबरम के अपराधों के सामने कुछ भी नहीं है, चिदंबरम पर अब जो खुलासा हुआ है, वो इतना गंभीर है जिसकी शब्दों में व्याख्या नहीं की जा सकती, ये शख्स बेहद खतरनाक है, हिन्दुओ को आतंकी घोषित करवाना का भी षड्यंत्र इसी ने रचा था

चिदंबरम पर अब जो खुलासा हुआ है उसे जान आपका माथा चकरा जायेगा, दरअसल जब 2004 में सोनिया गाँधी की सरकार बनी तो चिदंबरम को वित्तमंत्रालय मिला, उसने जबरजस्त लूट मचाई, अपने रिश्तेदारों और  सहयोगियों को बैंकों से खूब पैसा दिलवाना शुरू किया, हर काम में कमीशन, चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते हुए गहनों को लेकर कई तरह की स्किम निकाली, और साथ ही हीरे पर इम्पोर्ट ड्यूटी 0% कर दिया

यानि विदेशों से आप जितना मन हीरा लाओ, आपको आयात पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, चिदंबरम ने ये काम मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए किया, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी दोनों ने खूब हीरा विदेशों से ख़रीदा, इसके अलावा अन्य लोगों ने भी खूब हीरा ख़रीदा, कई कई क्विंटल

2004 से लेकर 2008 तक चिदंबरम वित्तमंत्री रहा, फिर सोनिया गाँधी ने 2008 में चिदंबरम को हिन्दुओ को आतंकी घोषित करने के षड्यंत्र के तहत गृहमंत्री बना दिया, इस दौरान देश के वित्तमंत्री का पद प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया गया, 2009 से 2012 तक देश के वित्तमंत्री रहे प्रणब मुखर्जी, और चिदंबरम इस दौरान देश का गृहमंत्री रहा

प्रणब मुखर्जी ने हीरे के इम्पोर्ट पर 2.5% इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दिया, चूँकि हीरा बाहर से आयत बिना किसी टैक्स के किया जा रहा था जिस से भारत को नुक्सान हो रहा था, लूट में प्रणब मुखर्जी रोड़ा बनने लगे, और वो काफी सीनियर नेता थे इसलिए चिदंबरम उनको दबाव में नहीं ले सका, पर चिदंबरम ने इस दौरान कई तरह के षड्यंत्र रचे ताकि प्रणब मुखर्जी पर दबाव बना सके, सोनिया गाँधी भी मुखर्जी पर दबाव नहीं बना सकी, तो चिदंबरम जो की गृहमंत्री के पद पर था, उसने प्रणब मुखर्जी की जासूसी तक करवाई, पर इसके बाबजूद प्रणब मुखर्जी दबाव में नहीं आये, और लूट में रोड़ा बने रहे

फिर सोनिया गाँधी को चिदमबरम ने कहा की लूट में रोड़ा बन रहे मुखर्जी को सरकार से बाहर करना होगा, इसी के बाद 2012 में सोनिया गाँधी और कांग्रेस ने मिलकर प्रणब मुखर्जी को सरकार से बाहर करने के लिए राष्ट्रपति बना दिया, 25 जुलाई 2012 को  देश के राष्ट्रपति बना दिए गए मुखर्जी, और सरकार से बाहर कर दिए गए, मुखर्जी को हटाते ही चिदंबरम फिर 31 जुलाई 2012 को देश का वित्तमंत्री बन गया ताकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी खूब लूट मचा सके, और हीरे पर इम्पोर्ट ड्यूटी 0% कर दी, 2014 तक वित्तमंत्री रहा चिदंबरम, इस दौरान गृहमंत्री सुशिल शिंदे को बना दिया गया, जो की एक फेल बिजली मंत्री हुआ करता था, लोगों ने उस समय  आश्चर्य भी किया था की सुशिल शिंदे जैसे फेल मंत्री को गृहमंत्री बना दिया गया

 चिदंबरम ने जैसे ही हीरे पर इम्पोर्ट को 0% किया मेहुल चौकसी और नीरव मोदी ने खूब हीरा विदेशों से इम्पोर्ट किया, 2014 तक ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, फिर मोदी आये तो उन्होंने हीरे पर फिर 1% इम्पोर्ट टैक्स लगाया है, जो आज भी लगा हुआ है

चिदंबरम ने मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर षड्यंत्र किये, वित्तमंत्री मुखर्जी की जासूसी करवाई, 2012 में उन्हें सोनिया और चिदंबरम मंडली ने सरकार से बाहर कर राष्ट्रपति बना दिया, और फिर वित्तमंत्री बनते ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को फायदा पहुंचाने लगा चिदंबरम, छोटा चिदंबरम तो इस बड़े चिदंबरम के सामने कुछ भी नहीं है