2019 में मोदी सरकार को दोबारा आने से रोकने के लिए ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ मिलकर बहुत बड़ी साजिश की गयी थी. जिस प्रकार से अंग्रेजों ने हिन्दुओं को जातिवाद में बांटकर सैकड़ों साल तक भारत पर राज किया था उसी प्रकार से एक बार फिर से हिंदुओं को जातिवाद में बांटकर तोड़ने की तैयारी थी. हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकोर, लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देना, जाट आन्दोलन, गुर्जर आन्दोलन, राजपूत आन्दोलन, करणी सेना का आन्दोलन, सब का सब कैम्ब्रिज एनालिटिका के इशारे पर किया जा रहा था, हिन्दुओं को खंड खंड करके बांटने की तैयारी थी, हर जाति को बांटकर अलग अलग धर्म में भी बांटने की तैयारी हो रही है, कर्नाटक में लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देकर इसकी शुरुआत भी कर दी गयी है.
कांग्रेस और कैम्ब्रिज एनालिटिका की पोल अब पूरी तरह से खुल चुकी है. कैम्ब्रिज एनालिटिका के मालिक एलेग्जेंडर मिक्स के लन्दन वाले ऑफिस में कांग्रेस पार्टी के लोगों की बाकायदा फोटो लगी है. कांग्रेस को सबसे बड़ा क्लाइंट बताया गया है.
यह भी खबर आयी है कि कांग्रेस भारत में जातिवाद की राजनीति कैम्ब्रिज एनालिटिका के कहने से ही खेल रही है. इसकी बिसात गुजरात चुनाव से ही बिछा दी गयी थी. गुजरात में दलित, पटेल, ओबीसी, मुस्लिम, जनेऊधारी हिन्दू और मंदिरों की राजनीति के पीछे कैम्ब्रिज एनालिटिका का ही दिमाग था.
सबसे हैरान खबर यह है कि मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए 68 पत्रकारों को हायर किया गया था जो मोदी को बदनाम करने और जातिवाद भड़काने के लिए फेक ख़बरें लिखते थे और उसे फेसबुक की मदद से सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता था. कैम्ब्रिज के खुलासे के बाद विरोधियों का सारा खेल खराब हो गया है.
I've been getting a lot of requests from Indian journalists, so here are some of SCL's past projects in India. To the most frequently asked question - yes SCL/CA works in India and has offices there. This is what modern colonialism looks like. pic.twitter.com/v8tOmcmy3z— Christopher Wylie (@chrisinsilico) March 28, 2018
After Patel Andolan, Una happened. Was it #CambridgeAnalytica 's regional project for Congress??? Done to divide Hindus?? pic.twitter.com/BDcefS1AEn— नंदिता ठाकुर (@nanditathhakur) March 27, 2018