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जनता ने फिर साबित किया, वो विकासवाद, राष्ट्रवाद नही केवल जातिवाद चाहती है

सही हकीकत तो यही है कि आज के UP उपचुनाव के रिज़ल्ट की समीक्षा में। (नंबर 5 बिन्दू को देखिए फिर खुद से नजर मिला कर कहिये की ये झूठ है।)
1. जब जब वोटिंग प्रतिशत कम होता है, पढे लिखे मध्यवर्ग और व्यापारी वर्ग वोट देने नहीं जाते, और भाजपा हारती है. खास तौर से मध्यावधि चुनावों में.

2. अगर आप 18 साल का होने जा रहे बच्चों को नकल नहीं करने देते, तो उनका परिवार गुस्सा होकर आपको वोट नहीं देता है, और आप हार जाते हैं. लोगों को चोरी करने - नकल करने की छूट नहीं देंगे तो वो आपको वोट क्यों देंगे? लोगों को सुशासन नहीं, चोरी और नकल करने का मौका चाहिए. बिजली चोरी का मौका चाहिए.

3. EVM मशीनों में हैकिंग सिर्फ तभी मुद्दा होती है जब विपक्ष हारता है. जबकि हकीकत यही है कि EVM हैकिंग की कोई सम्भावना ही नहीं होती है.

4. अगर आप गुन्डे बदमाशों को खत्म करते हैं, तो "शरीफ -सज्जन" समाज निश्चिंत होकर बैठ जाता है कि अब जब गुण्डे बचे ही नहीं तो वोट किसी को भी क्यों दिया जाये, घर बैठकर आराम कीजिये. हां, अगर गुण्डागर्दी अभी भी चल रही होती तो जरूर भाजपा को वोट देते जिससे हम सुरक्षित रह पाते.

अन्तिम बात.
5. भाजपा के वोटर तभी वोट देने जाते हैं जब माहौल गुण्डागर्दी का हो, जब हर तरह से परेशान हों, जब अपने अस्तित्व का संकट हो, जब रोज विपक्षी दलों से - गुन्डों से जूते खाते हों. वर्ना जब सब सही हो गया तो अब भाजपा को भी वोट देने की जरुरत ही क्या है.