Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया का संस्थापक : रूस ने इसे गद्दार बोलकर 1937 में मार दी गोली

जैसे कांग्रेस को अंग्रेज अफसर ह्यूम ने बनाया, आरएसएस को हेडगेवार जी ने बनाया, जनसंघ को श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बनाया, बीजेपी को अटल अडवाणी ने बनाया, पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया का संस्थापक कौन था ?
ये कम्युनिस्ट आपसे अपने संस्थापक का नाम क्यों छुपाते है ? कभी नहीं बताते न 

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया का संस्थापक था अबनी मुखर्जी, जिसका पूरा नाम था अबनीनाथ मुखर्जी, जो की बंगाली था पर जन्म हुआ था इसका मध्य प्रदेश के जबलपुर में 1891 को 

अबनी मुखर्जी भारत के क्रांतिकारियों से प्रभावित होकर क्रांतिकारिता में आ गया, रास बिहारी बोस के संपर्क में आने के बाद ये भी क्रांति में आ गया, तबतक तो ठीक था, पर अबनी मुखर्जी को जल्द ही वामपंथ का चस्का लग गया, और ये रूस से प्रभावित हो गया 

क्रन्तिकारी से फिर अबनी मुखर्जी वामपंथी हो गया, और इसका दिल रूस में बसने लगा जहाँ वामपंथ की लहर चलती थी, जिसके बाद इसने भारत में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया की स्थापना की, भारत में वामपंथियों का नेता अबनी मुखर्जी ही था 

अब एक बार वामपंथी बन गया तो इसका मन भारत में कहा लगना था, ये लेनिन और स्टालिन को अपना भगवान् बना बैठा, और ये स्टालिन की सेवा में रूस चला गया, पर रूस वालों ने इसका वो हाल किया की ये कभी वापस ही नहीं आया, अबनी मुखर्जी का ये हाल हुआ की आज देश के वामपंथी अपने संस्थापक का ही नाम नहीं बताते 

असल में 1930 में रूस में स्टालिन ने कत्लेआम मचाना शुरू कर दिए, और तरह तरह के लोगों को पकड़कर रुसी सेना मारने लगी, बंधक बनाने लगी, रुसी सेना ने अबनी मुखर्जी को 1930 में बंधक बना लिया, और 28 जून 1937 को, यानि बंधक बनाये जाने के 7 साल बाद मॉस्को में रुसी सेना ने अबनी मुखर्जी को ये कहकर गोली मार दी की अब तू किसी काम का नहीं रहा, और जो अपने देश का नहीं हुआ वो हमारा क्या होगा 

अबनी मुखर्जी को रूस ने गोली मार कर ख़त्म कर दिया और उसकी लाश भी वापस भारत नहीं आई, ये हुआ था कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के संस्थापक का हाल