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वो दिन अब नहीं रहे, जहाँ जुम्मे के जुम्मे नमाज़ पढ़ने के बाद पत्थरबाजी हुआ करती थी



वो दिन अब नहीं रहे, जहाँ जुम्मे के जुम्मे नमाज़ पढ़ने के बाद पत्थरबाजी हुआ करती थी 
मस्जिदों में भारत विरोधी हरकतें चला करती थी 
वहां से पत्थरबाज निकलते थे, और पत्थरबाजी करते थे 

हालाँकि आज भी कहीं कहीं ऐसी घटनाएं होती है, पर 90% की गिरावट है 
पिछले साल सरकार ने नोटेबंदी की थी, अब उसके नतीजे दिखने लगे है 

सिर्फ नोटेबंदी ही नहीं बल्कि NIA जो ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है, ये उसका भी असर है 
पैसा आ रहा  है, हवाला के धंधे वालों को NIA ने या तो पकड़ा हुआ है या समन देती रहती है 

कहाँ से मिलेगा पत्थरबाजों को पैसा 
मोदी सरकार में ही ये संभव हो सका, की एक तो नोटेबंदी की ऊपर से NIA के ताबड़तोड़ एक्शन 

अब न ही पत्थरबाजी होती है, न ही ISIS के झंडे लहराए जाते है 
कश्मीर में भारी बदलाव हुआ है, जिसकी रिपोर्टिंग मीडिया नहीं कर रही है 

वैसे आप भी आसानी से समझ सकते है की इन दिनों वो पुरानी वाली खबरें भी नहीं आ रही है 
इस से भी साफ़ होता है की मोदी सरकार के सख्त एक्शन और नोटेबंदी का कितना असर पड़ा है 

ये नोटेबंदी जब लागू की गयी थी तो बहुत लोगों के पेटों में दर्द था 
वो दर्द क्यों था ये भी आप आसानी से समझ सकते है, क्यूंकि ये तमाम वही लोग है जो या तो पत्थरबाजों के यार है या पाकिस्तान के दलाल है