पिछले दिनों मुंबई में इंडिया टुडे का कॉन्क्लेव प्रोग्राम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देश भर से राजनेता, अभिनेता, साहित्यकार, लेखक और कलाकार इस कार्यक्रम में पहुंचे। जहाँ उन्होंने अपने विचारों से देश को अवगत कराया। इस क्रम में जेनयू विंग के कन्हैया कुमार और छात्र कार्यकर्ता शेहला रशीद, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और बीजेपी नेता रोहित चहल भी पहुंचे। जहाँ आज तक के पत्रकार राहुल ने चारों से एक एक कर सवाल किए। हालांकि, तीन विरोधी युवा नेता के उपस्थित होने के बाबजूद बीजेपी नेता रोहित चहल ने अपनी बातों को सही तरीके से रखने में कामयाब हुए। वही कन्हैया कुमार इस कार्यक्रम में किये गए सवाल पर गुस्से में आ गए और गुस्से में गाली तक दे दी।
वही शेहला रशीद भी महिला अधिकार को लेकर गुस्से में दिखी। शेहला ने सरकार को महिला की सुरक्षा और अधिकार को लेकर घेरा। शेहला ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश में महिला की स्थिति बदतर है। ऐसे में हम कैसे एक नवीन भारत की कल्पना कर सकते है। यदि कोई सरकार महिलाओं की उपेक्षा कर नवीन भारत की कल्पना कर रहे है तो सरासर देश की जनता को धोखा दे रहे है। इसके साथ शेहला रशीद ने सरकार को टैक्स पेयर की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि सरकार हमें कुछ नहीं देती है बल्कि देश की जनता जो टैक्स पे करते है। उस पैसे से सरकार योजनायें लेकर आती है।
जबकि सोमवार को शेहला रशीद ने ट्वीटर पर एक ट्वीट कर कहा कि मोदी भक्तों के लिए बुरी खबर है क्योंकि मेरा वायवा टेस्ट पोस्टपोन हो गया है। इसलिए मैं फिर से वापस आ गया हूँ तुम्हारे टैक्स का और पैसा लगेगा मेरी पढ़ाई में . एक काम करो . नॉन -कोऑपरेशन डिक्लेअर कर दो सरकार के खिलाफ. टैक्स देना बंद कर दो मोदी सरकार को . छोटा मोदी की तरह। वैसे शेहला के बयान से स्पष्ट है कि वो मोदी सरकार को चेतावनी देना चाहती है कि आने वाले दिनों में जेनयू मोदी सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन चला सकता है। इसके अलावा टैक्स न देने की भी हिम्मत कर सकता है। ऐसे में सरकार को शेहला के बयान पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।