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अपने धर्म का ज्ञान हिन्दुओ में न के बराबर है, यही है समाज की बर्बादी का मुख्य कारण : अश्विनी उपाध्याय

मुस्लिम को कुरान का सबकुछ पता है, ईसाईयों को भी अपने मजहब  का ज्ञान है, जितने भी दुनिया में मजहब उन मजहबो को मानने वालो को अपने मजहब का ज्ञान होता ही है, पर हिन्दू इस मामले में सबसे पिछड़े हुए है, और ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है
हिन्दू अपने बच्चों को रामायण गीता जैसे प्रमुख धार्मिक ग्रंथों का भी ज्ञान नहीं देते, बहुतों को तो ये भी नहीं पता होता की होली क्यों मनाई जाती है, नवरात्री और शिवरात्रि में क्या फर्क है, आप शायद यकीन न करे पर हिन्दुओ की यही स्तिथि है, आज वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने हिन्दू समाज की बर्बादी का एक और कारण बताया जिसे आपको देखना चाहिए, और उनकी बातों में दम और सच्चाई दोनों है



हिन्दू अजमेर दरगाह, शिरडी जैसी जगहों पर जाते है, मोईनुद्दीन चिश्ती और चाँद मिया जैसे लोगों के सामने सर झुकाते है, जबकि हमारी एक भी धर्मग्रन्थ में इन दोनों का कोई जिक्र तक नहीं है, इस देश में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग है जिनमे सोमनाथ, काशी विश्वनाथ इत्यादि भी शामिल है, पर सभी ज्योतिर्लिंगों के नाम तक हिन्दुओ को नहीं पता होते, यहाँ तक की जितने हिन्दू चाँद मिया और मोईनुद्दीन के लिए अजमेर और शिरडी जाते है, उसके 10% हिन्दू भी अयोध्या नहीं जाते, मथुरा नहीं जाते

हिन्दुओ में न धर्म का ज्ञान है और न ही वो अपने इतिहास को ही जानते है, और इसी कारण हिन्दू निष्क्रिय है, उनमे एकता की भावना भी कम होती है, और समाज की बर्बादी का ये प्रमुख कारण है