आपको इस्लाम की अधिक जानकरी नहीं होगी
पर दैनिक भारत को इस्लाम की पूरी जानकारी है, हमारे पास रिफरेन्स भी है
ताजमहल इस्लाम में बहुत ही बुरा है, हराम है
और इस्लाम के हिसाब से ताजमहल को जमीन में मिला देना चाहिए
हम आपको इसके सबूत भी पेश करेंगे, रिफरेन्स भी देंगे
आपको बता दें की ताजमहल कोई मस्जिद नहीं है, ये असल में इस्लाम के हिसाब से एक मकबरा है, एक कब्रगाह है, एक कब्रिस्तान है
ये एक ऐसी ईमारत है जिसमे पक्की कब्र मौजूद है
और इस्लाम में पक्की कब्र बहुत ही हराम है, किसी भी पक्की कब्र को तोड़ देना चाहिए, ये इस्लाम का नियम है
और अब रिफरेन्स लीजिये इस्लामिक धर्मगुरु ज़ाकिर नाइक का
जो की इस्लाम पर पीएचडी है, सऊदी अरब के राजा द्वारा पुरुस्कृत भी है, इस्लाम का विद्वान है
सुनिए पक्की कब्र के साथ क्या करना चाहिए
इस्लाम में पक्की कब्र तो तुरंत तोड़ देना चाहिए, जमींन में मिला देना चाहिए
कोई भी कब्र पक्की नहीं होनी चाहिए
सऊदी अरब में भी कोई कब्र पक्की नहीं होती, पर ताजमहल, और अन्य जितने भी भारत में मकबरे है
वहां पर पक्की कब्रें मौजूद है
देखिये ताजमहल के अंदर की पक्की कब्र

इस्लाम के अनुसार ताजमहल पूरी तरह हराम है, और इसे तुरंत मिटटी में, जमीन में मिला देना चाहिए
जो भी शख्स मुस्लिम है और ताजमहल का समर्थक है उसे कभी भी जन्नत नहीं मिल सकता
क्यूंकि वो हराम का समर्थन करता है
इस्लाम में ताजमहल और उसके अंदर की कब्र, और भारत में जितने भी मकबरें है वो सब हराम है