Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

राष्ट्रपति भवन में आये थे शंकराचार्य, कलाम ने जो किया जानकर आँखें नम हो जाएँगी आपकी !


आज हिन्दू धर्म रक्षक और धर्म पुत्र शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का निधन हो  गया, वो कितने महान थे ये आपको हम बताएँगे, और अब्दुल कलाम जैसा व्यक्ति उनके बारे में क्या राय रखता था, ये भी आपको जान लेना चाहिए, आज का साधारण हिन्दू तो अपने संतों की वैल्यू को समझता ही नहीं, पर कलाम स्वयं एक महान व्यक्ति थे और वो जानते थे की संत की क्या  वैल्यू है 

अब्दुल कलाम राष्ट्रपति भवन में रहते थे, दिल्ली में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी आये, अब्दुल कलाम ने शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया, शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी आये तो देखिये अब्दुल कलाम ने क्या कहा 


ये जानकारी हमे कर्नल (रिटायर) अशोक किनी के द्वारा मिली, जो की उस समय राष्ट्रपति भवन में तैनात थे, और आप उनको ऊपर तस्वीर में भी देख सकते है, अब्दुल कलाम और कर्नल अशोक किनी शंकराचार्य जी के सामने खड़े है

कर्नल ने बताया की जैसे ही शंकराचार्य जी राष्ट्रपति भवन में पहुंचे, तो राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने उन्हें भारत के राष्ट्रपति की कुर्सी पर जिद करके बिठाया, जिस कुर्सी पर भारत के राष्ट्रपति बैठते है, उस कुर्सी पर जिद करके कलाम ने शंकराचार्य जी को बिठा दिया

बाद में अशोक किनी ने अब्दुल कलाम से पूछा की, आपने इस संत को इतना सम्मान क्यों दिया, अपनी कुर्सी पर भी बिठाया, तो अब्दुल कलाम ने कहा - मैं चाहता था की ये कुर्सी (राष्ट्रपति की कुर्सी) पवित्र हो जाये, इस कुर्सी को शंकराचार्य जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाये, और मैं और मेरे बाद जो भी शख्स भविष्य में इस कुर्सी (राष्ट्रपति की कुर्सी) पर बैठे उसे इस संत का आशीर्वाद मिल जाये

अब्दुल कलाम शंकराचार्य जी की वैल्यू को समझते थे और वो उनका कितना सम्मान करते थे इस घटना से आप समझ सकते है, आज इतने महान शंकराचार्य जी हमारे बीच से चले गए, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे, ॐ शांति शांति शांति !