त्रिपुरा में 25 साल के वामपंथी शासन से त्रस्त लोगों ने वामपंथियों के हारते ही त्रिपुरा के बेलोनिया में वामपंथ की पहचान और क्रूर लेनिन की मूर्ति को तोड़ दिया, वामपंथियों के साथ साथ लोगों ने लेनिन को भी उखाड़ फेंका
जहाँ लोगों द्वारा लेनिन की मूर्ति को उखाड़े जाने पर देश भर में ख़ुशी की लहर है वहीँ वामपंथियों में इसे लेकर काफी गुस्सा है, और अब बहुत से वामपंथी और उसके सहयोगी भारत में तालिबानी शासन की बात कर रहे है
वामपंथियों के अलावा आम आदमी पार्टी, कांग्रेस इत्यादि इन सभी पार्टियों के नेता वामपंथियों के सुर में सुर मिलाकर भारत में तालिबानी शासन की बात कर रहे है और फिर से लेनिन की मूर्ति को लगाने की मांग कर रहे है, आपकी जानकारी के लिए बता दें की भारत में लेनिन का कोई योगदान नहीं है, और वो एक क्रूर शासक था, और रूस में उसने लाखों लोगों का कत्लेआम करवाया था, भारत के वामपंथी क़त्ल की प्रेरणा इसी लेनिन से लेते है
जहाँ एक तरफ वामपंथियों को वापस लेनिन की मूर्ति ही चाहिए, वहीँ दूसरी तरफ अब कपिल मिश्रा ने वामपंथियों पर तीखा हमला किया है और
कपिल मिश्रा ने कहा की कोई भी वामपंथी अब लेनिन की मूर्ति की जगह सार्वजानिक शौचालय बनवाने की मांग नहीं कर रहा, जबकि ये वही लोग है जो अयोध्या की जमीन पर शौचालय, अस्पताल बनवाने की मांग करते है, पर इनको लेनिन की मूर्ति की जगह मूर्ति ही चाहिए, शौचालय, अस्पताल, बस स्टॉप नहीं !!