Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

गाँधी को अंग्रेज आलीशान आरामगाह में रखते थे, कांग्रेस इसे जेल बताती है, देखिये गाँधी की जेल



कांग्रेस और गाँधी भक्तों ने गाँधी को महान बताने के लिए आम भारतीयों को कई बार मुर्ख बनाया है 
गाँधी भक्त बताते है की 

मोहनदास गाँधी को अंग्रेजों ने कई बार जेल डाला 
देश के लिए गाँधी कई बार जेल गए 

असल में ये अंग्रेजों और गाँधी की मिलीभगत थी, अंग्रेज गाँधी को की हिरासत या गिरफ़्तारी दिखाते थे 
वहीँ गाँधी भक्त देश में नारा लगाते थे की 
"बापू देश के लिए जेल चले गए"

भोले भाले भारतीय फिर गाँधी को अपना लीडर मानकर उसके पीछे हो लेते थे

अब अंग्रेजो का इसमें फायदा ये रहता था की, अगर भारत के लोग गाँधी के साथ रहेंगे तो क्रांतिकारियों का साथ कोई देगा नहीं, सब  तो गांधीवादी रहेंगे तो अंग्रेजों को आसानी होगी 
चूँकि अगर भारतीय गाँधी नहीं क्रांतिकारियों का साथ देने लगते तो राज करने में समस्या होती 

देखिये अंग्रेज गाँधी को किस जेल में रखते थे 


ये आलीशान बांग्ला जेल है 



और ये रही गाँधी की आलीशान जेल कोठरी, जो अब म्यूजियम के तौर पर है 

अपने ये भी कई बार सुना होगा की गाँधी ने जेल से किताबें लिखी, और उन्हें छापी भी गयी 

अरे जो शख्स असली जेल में है, वो किताब कैसे लिखेगा, उसके पास न पेन होता है न कागज़ 
पर ऐसे आलीशान जेल में गद्दा, पेन, कागज़, सबकुछ मौजूद था, तो गाँधी जेल से भी किताब लिख लिया करते थे 

अब आपको दिखाते है की अंग्रेज अपने दुश्मनो को जेल में कैसे रखा करते थे 
ये नीचे तस्वीर है उस जेल की जगह वीर सावरकर को अंग्रेजों ने रखा था 


और सावरकर को कैसे बेड़ियों में जकड़कर रखा जाता था वो भी देखिये, एक तो जेल में बंद ऊपर से बेड़ियाँ भी 

Image result for savarkar in jail


और सावरकर के पर पेन कागज नहीं था, तो तो अपने नाखूनों से जेल की दीवारों पर गोद गोद कर अपनी पंक्तियाँ लिखते थे 

इतना ही नहीं, जो भी अंग्रेजों के खिलाफ बोलता था, भारत को आज़ाद करवाने की कोशिश करता था 
अंग्रेज उसे ख़त्म कर देते थे, उदाहरण "लाला लाजपत राय"
वीर सावरकर जैसे लोगों को असली जेल में रखा जाता था, पर गाँधी को तो आलीशान हाउस में रखा जाता था 
तमाम सुख सुविधाओं के साथ
उस ज़माने में भी भारतियों को मुर्ख बनाने में गाँधी भक्त कामयाब हो जाते थे, और आज भी भारतीय उसी स्तिथि में हैं