Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

सुस्वागतम संत शिरोमणि : कांची मठ के नए शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती, सनातन धर्म रक्षण का दायित्व


कांची मठ हिन्दू धर्म का एक बड़ा मठ  है, और आज तमिलनाडु का पूरी तरह जो ईसाईकरण नहीं हुआ है उसमे सबसे अहम् योगदान इसी मठ का है, पिछले दिनों सनातन धर्म को एक बड़ी छति हुई और हमारे शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती जी का कैलाश वास हो गया, और वो हमे छोड़कर चले गए 

शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती जी ने अपने जीवन काल में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था, और अब हमारे कांची मठ के नए शंकराचार्य हैं परम पूजनीय विजयेंद्र सरस्वती जी 

विजयेंद्र सरस्वती जी ने कांची मठ के शंकराचार्य का पद संभाल लिया है और अब आदि शंकराचार्य की विरासत को लेकर उन्हें ही चलना है, धर्म रक्षा का सबसे महत्व्यपूर्ण और कठिन काम करना है 

हमारे शंकराचार्य परम पूजनीय जयेन्द्र सरस्वती जी ने सनातन धर्म की रक्षा में अहम् योगदान दिया और तमिलनाडु का ईसाईकरण नही होने दिया जिसके कारण सोनिया गाँधी ने उन्हें झूठे मर्डर केस में भी फंसाया, जब जयेन्द्र सरस्वती जेल गए थे तब उनके शिष्य विजयेंद्र ने ही कांची मठ को संभाला था, और अब जयेन्द्र स्वरस्वती जी के कैलाश वास के बाद विजयेंद्र सरस्वती हमारे नए संत शिरोमणि हैं 

सनातन धर्म की तभी रक्षा हो सकती है जब हम अपने संतों का सम्मान करें, और उनको अपने समर्थन की ताकत दें ताकि धर्म द्रोहियों के खिलाफ एक शक्ति के रूप में शंकराचार्य इस ताकत का इस्तेमाल कर धर्म और देश की रक्षा कर सकें