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इराक में मिली भगवान् राम और हनुमान की 6000 साल पुरानी आकृति



इराक भले ही आज मुस्लिम देश हो, पर ये हमेशा से मुस्लिम देश नहीं रहा है 
इराक का असल नाम "मेसोपोटामिया" है 
सऊदी अरब की तरह इराक में भी हिन्दू धर्म ही फैला हुआ था और उसका सबूत भी इराक में मिला है 

पहले आपको बता दें की अक्सर आपने देखा और सुना होगा की कट्टरपंथी दूसरे धर्म की मूर्तियों, आकृतियों को तोड़ देते है, असल में ये ऐसा इसलिए किया जाता है 
ताकि दूसरे संस्कृति को मिटाया जा सके और झूठ फैलाया जा सके की इस्लाम सबसे पुराना है 

अब कोई सबूत ही नहीं छोड़ा जायेगा तो इस्लाम सबसे पुराना है कहने में आसानी होगी 
और इसी मकसद से दूसरे धर्म की मूर्तियों, आकृति को जिहादी तत्व तोड़ते है, और अक्सर उनपर मस्जिदें भी बना देते है 

इराक में भी जिहादी तत्वों ने तमाम  दूसरे धर्मो की आकृति को तोडा, उन्हें नष्ट किया 
पर अब शोधकर्ताओं को इराक के सुलेमानिया में हिन्दू धर्म के प्रतिक भगवान् राम और हनुमान की आकृति मिली है

शोधकर्ताओं ने इस आकृति को 6000 साल पुरानी बताया है, यानि बनाने वालो ने इसे 6000 साल पहले इस सुलेमानिया में बनाया था, जबकि इस्लाम तो महज 1400 साल पुराना है 
साफ़ होता है की इराक में सनातन धर्म ही था 

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आकृति में साफ़ देखा जा सकता है की, एक पुरुष खड़े हैं जिनके हाथों में धनुष है 
और उनके सामने एक वानर रूपी हनुमान हाथ जोड़े खड़े है, शोधकर्ताओं ने इसे हिन्दू धर्म के श्री राम और हनुमान के रूप में स्वीकार किया है