Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

59 हिन्दुओ को जिन्दा जलाया गया था, मोदी के अलावा कोई नेता हिन्दुओ के पास नहीं गया था



गुजरात दंगे तो बाद में हुए, वो दंगे नहीं वो प्रतिकार था 
दंगों की शुरुवात शांतिप्रिए कौम ने की थी 

गुजरात से कुछ हिन्दू अयोध्या जी दर्शन को गए थे, और वो वापस अपने घर साबरमती ट्रैन से आ रहे थे 
जिहादियों ने पूरी प्लानिंग की, उनके पास तो ये भी जानकारी थी की हिन्दू किन डब्बों में है 

गोधरा जिहादी बहुल इलाका था, जिहादियों ने गोधरा स्टेशन पर उन दोनों डब्बों को निशाना बनाया 
डब्बों पर पेट्रोल छिड़का, हथियार लेकर नारे लगाए ताकि कोई हिन्दू डब्बों से बाहर न निकले 
और धू धू कर डब्बों को जला दिया 
59 हिन्दुओ को जिन्दा जला दिया गया था 

आज 1 गौहत्यारे अख़लाक़ के मारे जाने पर दादरी इतने नेता पहुँचते है 
पर 2002 गोधरा में 59 हिन्दुओ को जिहादियों ने जिन्दा जला दिया था, सोनिया गाँधी, पी चिदंबरम, मुलायम यादव, मायावती कोई नहीं पहुंचा हिन्दुओ को देखने 
न ही राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी उन हिन्दुओ के परिवारों से आजतक मिले 

हिन्दू को तो अछूत बना दिया नेताओं ने, 59 हिन्दुओ को जिन्दा जला दिया गया और कोई पूछने वाला भी नहीं 
एकमात्र नेता नरेंद्र मोदी ही थे जो उन हिन्दुओ को देखने पहुंचे थे, उनके परिवारों के आंसू पोछने पहुंचे थे 
अन्यथा बाकि जितने भी नेता सेकुलरिज्म की बाते करते है 
उन्होंने तो कभी हिन्दुओ की खबर भी नहीं ली,  कदाचित इनके लिए वो हिन्दू कीट पतंग थे, जिनके मरने पर कोई फर्क नहीं पड़ता 

हिन्दू समाज हमेशा इस बात को ध्यान रखे की जो आपके मुसीबत के समय साथ देता है वो ही अपना सच्चा हमदर्द है, 2002 गोधरा से आप एक बड़ी सीख ले सकते है