हत्या के मामले में 33 साल बाद गिरफ्तार किए गए और 'मौलाना' बनकर 39 महिलाओं संग हलाला करने वाले कैदी आफताफ उर्फ नाटे की इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई। उसे दो दिन पहले केंद्रीय कारागार नैनी से हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।
आफताब उर्फ नाटे पर इलाहाबाद पुलिस ने 12 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा के मुताबिक, नाटे 1985 से फरार चल रहा था।
"नाटे नाम बदलकर मौलाना करीम के नाम से घूम रहा था। वो मुंबई, सूरत, अजमेर शरीफ और फर्रुखाबाद जैसे शहरों की मस्जिदों और दरगाहों में छिपता फिर रहा था।"
नाटे दरगाहों में आने वाले श्रद्धालुओं से कहता था- "मैं तांत्रिक हूं, भूत-प्रेत की बाधा दूर कर सकता हूं।" इससे वो लोगों से पैसे ऐंठता और उन्हें ताबीज बनाकर देता था।
एसपी सिटी के मुताबिक, नाटे खुद को हलाला निकाह एक्सपर्ट भी बताता था। उसने पूछताछ के दौरान झांसा देकर 39 महिलाओं का हलाला करवाने की बात कबूल की है। उसने लोगों को धोखा तो दिया ही, साथ ही लाखों रुपए भी ऐंठे।
इस धोखेबाजी के बिजनेस के लिए उसने अपना नेटवर्क तैयार किया था। 33 सालों में उसने खुदको सिद्ध मौलाना बताकर दर्जन से ज्यादा शागिर्दों की टीम बनाई थी। ये शागिर्द उसके तंत्र-मंत्र की विद्या का प्रचार-प्रसार करते थे।