दीपावली ही नहीं बल्कि हर सीजन का यही हाल है
बिचारे छोटे बिक्रेता थोड़ा बहुत सामान लेकर बाज़ारों में गर्मी, धूल, धुप के बीच में बैठते है
इनके पास 200-400 का ही सामान होता है
हम बिग बाजार जाते है, पैंटालून जाते है, ली के शोरूम जाते है, पीसी जेवेल्लेर्स
हज़ारों क्या लाखों की शॉपिंग करते है
पिज़्ज़ा हट जाते है, हल्दीराम जाते है, मैकडी जाते है
बिल मिलता है तो हमारी जबान 1 रुपया भी कम करवाने के लिए नहीं खुलती
बिल मिलता है 5000 का तो हम सीधा 5000 देते है
पर ये नुक्कड़ के बाजार में जाइये, फुटपाथ पर आपको छोटे बिक्रेता मिलेंगे, किसी के पास कुछ दिए होंगे, कोई मोमबत्ती दे रहा होगा, 200-400 का सामान लेकर बैठा होगा
आप उस से पूछते है, ये कितने का दिया
वो कहता है 10 का 1 है, तो आप फ़ौरन शुरू हो जाते है, ठीक है 15 के 2 लगा दो, उस बिचारे पर आप दबाव बनाते है, और मोलभाव करते है
और उसके बाद आप खुश भी हो जाते है, वाह आज तो गज़ब कर दिया, 20 का माल 15 में ले लिया
वाह सच में कमाल कर दिया आपने
समय है की थोड़ा सोचें और अब भी सुधर जाएं, एक बार सोचियेगा जरूर