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फुल फॉर्म में सेक्युलर भारत की अदालतें, अक्टूबर 2017 का महीना याद रहेगा



भले ही सरकार में मोदी बैठे हो फिर भी संविधान और कानून तो वही है 
भारत एक सेक्युलर देश है, और सेक्युलर का मतलब क्या होता है अगर आप दैनिक भारत के नियमित पाठक है तो समझते होंगे 

सेक्युलर कानून बनाओ, सेक्युलर  संविधान बनाओ, सिफारिशों से, कोलोजियम सिस्टम से अपने पसंद के जज बनाओ और जो मन वो करो 
ये है भारत की पूरी न्याय प्रणाली, अक्टूबर 2017 के महीने में भारत की अदालतें एकदम फुल फॉर्म में है 
और ये महिला याद रखने लायक है 

कुछ फैसले हम आपको बताते है विभिन्न अदालतों के 

* गुजरात में हाई कोर्ट ने गोधरा  स्टेशन पर हिन्दुओ को जिन्दा जला देने वाले 11 विशेष समुदाय वालो को राहत दे दी, उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया 

* सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दीपावली पर ही पटाखों पर रोक लगा दिया, सिर्फ दीपावली पर जलाये जाने वाले पटाखों से ही प्रदुषण होता है 

* पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हिन्दुओ को  सख्त निर्देश दिए है  की दीपावली पर पटाखे सिर्फ 6 बजकर 30 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट के बीच ही फोड़ने है 

* मुंबई हाई कोर्ट ने नक्सली गौरी लंकेश को लिबरल  बताया और उसका समर्थन किया, उसके समर्थन में टिपण्णी की 

* दिल्ली की अदालत ने JNU के 15 देशद्रोहियों को देशद्रोही नारों के मामले में राहत भी दी है 

और आज सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्यों का भी समर्थन कर दिया, एक तो रोहिंग्या भारतीय नागरिक नहीं है, क़ानूनी तौर पर भी भारत में नहीं आये, घुसबैठिये है 
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा की रोहिंग्या मुसलमानो को मत निकालो, कोई कुछ करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही  करो, पर सभी रोहिंग्या मुसलमानो को मत निकालो 

मिलार्ड की मानें तो उनका कहना है की, जबतक रोहिंग्या कुछ करते नही उनको यही रहने दो,  अगर कुछ करे तो कार्यवाही करना, साफ़ है की सांप के डसने तक इंतज़ार करो 
 भारत की अदालतें और मिलार्ड फुल फॉर्म में हैं