भारतीय सेक्युलर और वामपंथी इतिहासकार किट मक्कारी से झूठ को परोसते है आज आपको वो देखने को मिलेगा, दैनिक भारत का ये छोटा सा लेख इन इतिहासकारों की कलई खोलने के लिए काफी है
इतिहासकार हमे बताते है मुगलों और अन्य इस्लामिक हमलावरों ने भारत में खूब सुन्दर निर्माण कर दिया, मुग़ल बहुत बड़े शिल्पकार थे, बहुत बड़े आर्किटेक्ट थे
अपने मूल देशों में तो मुग़ल कुछ नहीं कर पाए पर उन्होंने भारत का जैसे निर्माण ही कर दिया
चलिए कुछ तस्वीरें देखिये
ये है सऊदी अरब के मक्का के काबा की तस्वीर, ज्यादा पुरानी नहीं 1950 की तस्वीर है
गौर कीजिये 1950 में काबा कैसा दीखता था
देखिये काला काबा बीच में है, और उसके चारो ओर 1950 में टेंट लगा हुआ है
अगर आप गौर से इस स्तिथि को देखेंगे, तो आप पाएंगे की ये तो किसी अस्तबल जैसी स्तिथि है, जहाँ घोड़े, ऊंट ठहरते है, 1950 में काबा की स्तिथि यही थी
आपकी जानकारी के लिए बता दें की अरब के देशों में कच्चा तेल आज से नहीं बल्कि हज़ारों साल से है
पर अरबी लोगों को उसका पता तब चला जब यूरोप के लोगों ने उन्हें ये बताया और तेल निकालना सिखाया
अन्यथा अरबी जाहिलों को के पास तो ऐसा विज्ञान था की उन्हें पता भी नहीं था की
क्या होता है कच्चा तेल
आज 2017 में सऊदी अरब, दुबई और हर इस्लामिक देश में जो भी भव्य निर्माण हो रहे है
वो सब यूरोप और अन्य देशों के लोग बनाते है, दुबई का ब्रुज खलीफा भी यूरोप के आर्किटेक्ट ने बनाया है
पर भारत के सेक्युलर और वामपंथी इतिहासकार हमे बताते है की मुगलों ने भारत के कई शानदार निर्माण किये
बहुत महान आर्किटेक्ट थे मुग़ल
अगर ऐसा है तो उनका खुद का काबा 1950 तक घोड़े के अस्तबल जैसा क्यों था
अफगानिस्तान और कज़ाकिस्तान में कोई निर्माण क्यों नहीं कर सके मुग़ल
आपको बता दें की भारत शिल्पकारी की परंपरा बहुत पुरानी है, यहाँ तो भगवान् विश्वकर्मा शिल्पकारी के देवता रहे हैं, मुगलों ने बस चित्र में गुम्बद बनाये थे, हकीकत में उनको भारत में भारतीय शिल्पकारों ने बनाया, भारतीय मजदूरों ने बनाया
ताजमहल, और बाकि जितने भी ईमारत है सभी भारतीय शिल्पकारों ने बनाये है और भारतीय मजदूरों ने बनाये है, और पैसा भी मुगलों ने हिन्दुओ से ही लुटा और उसी से बनाया
मुगलों ने भारत में कुछ निर्माण ही नहीं कराया, उनके जितने भी अरबी इमारतें है वो सिर्फ उनके चित्रों तक ही सिमित थे, उनकी बुते की बात नहीं थी की वो उन्हें असल में भी बना सके, भारतीय शिल्पकारों ने भारत में सब निर्माण किये
चूँकि भारतीय शिल्पकार मक्का में नहीं थे, इसलिए काबा 1950 तक घोड़े के अस्तबल जैसा दिखाई देता था
और आज जो सऊदी अरब में तमाम बिल्डिंग है, वो सब भी मुस्लिमो ने नहीं बल्कि यूरोप के शिल्पकारों ने बनाये है