सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली देश के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार, सोनिया अबतक नहीं खुलवा सकी एक भी अच्छा स्कूल,
उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की हालात काफी दयनीय है। बात करें राज्य के सबसे वीवीआईपी जिले में शुमार रायबरेली की तो यहां की हाताल और भी खराब है।
प्रदेश सरकार द्वारा गुणवत्ता सुधारने के लिए बेहतर स्कूलों को प्रोत्साहित करने की योजना शुरू की गई है जिसमें रायबरेली जिले को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिसमें इस जिले का एक भी स्कूल बेहतर स्कूलों में नहीं सामिल हुआ।
आपको बता दें कि यह वही जिला है जहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं जो समय समय पर इस जिले का दौरा भी करती रहती हैं। इसके बावजूद यहां के परिषदीय स्कूलों की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ और स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
आपको बता दें कि यह वही जिला है जहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं जो समय समय पर इस जिले का दौरा भी करती रहती हैं। इसके बावजूद यहां के परिषदीय स्कूलों की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ और स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में नहीं मिले अच्छे स्कूल
प्रदेश सरकार द्वारा गुणवत्ता सुधारने के लिए बेहतर स्कूलों को प्रोत्साहित करने की योजना शुरू की गई है जिसमें रायबरेली जिले का एक भी स्कूल शामिल नहीं हो सका। प्रदेश सरकार की योजना में तय किए गए मानकों पर आधारित इस प्रतियोगिता के लिए अधिकारियों को कड़ी मशक्कत के बाद भी एक स्कूल ढूंढने से नहीं मिल सका।
जिला बेसिक अधिकारी ने प्रदेश सरकार को एक पत्र भेज दिया जिसके अनुसार मानकों पर खरा उतरने वाला रायबरेली जिले में एक भी परिषदीय स्कूल नहीं है। रायबरेली जिले में कुल 2143 परिषदीय स्कूल हैं। जब अच्छे स्कूल की तलाश की गई तो नतीजा शून्य रहा। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद में 3-3 विद्यालयों को पुरस्कृत करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मानक के अनरूप चिंहित करने के लिए आदेशित किया गया था।
भारत सरकार भी शिक्षा की गुणवत्ता की वृद्धि के लिए अनिवार्य शिक्षा लागू कर दिया है। फिर भी सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में शिक्षा का स्तर इतना गया गुजरा है कि सरकार की इस योजना के लिए उसे रायबरेली से एक भी विद्यालय पुरस्कृत करने के लिए ढूंढ़े नहीं मिला। यही नहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद इसकी पुष्टि कर रहे हैं।
जिला बेसिक अधिकारी ने प्रदेश सरकार को एक पत्र भेज दिया जिसके अनुसार मानकों पर खरा उतरने वाला रायबरेली जिले में एक भी परिषदीय स्कूल नहीं है। रायबरेली जिले में कुल 2143 परिषदीय स्कूल हैं। जब अच्छे स्कूल की तलाश की गई तो नतीजा शून्य रहा। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद में 3-3 विद्यालयों को पुरस्कृत करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मानक के अनरूप चिंहित करने के लिए आदेशित किया गया था।
भारत सरकार भी शिक्षा की गुणवत्ता की वृद्धि के लिए अनिवार्य शिक्षा लागू कर दिया है। फिर भी सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में शिक्षा का स्तर इतना गया गुजरा है कि सरकार की इस योजना के लिए उसे रायबरेली से एक भी विद्यालय पुरस्कृत करने के लिए ढूंढ़े नहीं मिला। यही नहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद इसकी पुष्टि कर रहे हैं।