राम मंदिर के विरोध में बहुत से लोग पहले कहा करते थे की
इस स्थान पर मस्जिद था, हिन्दुओ ने मस्जिद को तोड़ दिया, वापस मस्जिद बनाई जाये
इलाहबाद हाई कोर्ट ने घोषित कर दिया की मस्जिद से पहले इस स्थान पर मंदिर था
इसलिए मंदिर ही बने
मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया, तो अब बहुत से सेक्युलर कहते है की मंदिर से क्या होगा, इस स्थान पर अस्पताल और स्कुल इत्यादि बना देना चाहिए
वामपंथी पत्रकार लगातार यही मांग उठाते रहते है की मंदिर नहीं अस्पताल बना दो, स्कुल बना दो
इन लोगों का राम मंदिर को लेकर विरोध इतना पक्का है की ये किसी भी सूरत में अयोध्या में राम मंदिर नहीं देखना चाहते
डॉ स्वामी ने कहा की, राजदीप सरदेसाई जैसे लोग कहते है की राम जन्मभूमि पर मंदिर नहीं बल्कि अस्पताल बनवा दो, मैं तो कहना चाहता हूँ की
इनके लिए सरयू नदी के उस पार पागलखाना बनवा देना चाहिए, जिसके अंदर इनको रखना चाहिए
वहां की खिड़की से ये लोग भव्य राम मंदिर को ताउम्र देखते रहेंगे
बता दें की राम मंदिर विरोधी ऐसा नहीं है की अनपढ़ और जाहिल है, इनके दिलों में राम मंदिर के लिए इतनी नफरत है की सबकुछ जानते हुए भी ये विरोध करते है
मसलन अगर एक भव्य राम मंदिर बने, तो उस से पर्यटन होगा, पर्यटन से रोजगार पैदा होगा, धन पैदा होगा, जिस से 1 क्या 100 अस्पताल बनते रहेंगे
ये सबकुछ समझते हुए भी केवल हिन्दू से नफरत के कारण राजदीप सरदेसाई जैसे लोग किसी भी बहाने राम मंदिर का विरोध करते है