कर्णाटक में कांग्रेस की सरकार है इसलिए वहां बहार ही बहार है
न वहां गरीबी है, न किसान आत्महत्या कर रहे है और न ही बच्चे मर रहे है, अगर ऐसा होता तो हमारी निष्पक्ष मीडिया दिखाती है
रखिये, ये मीडिया का ही तो लोचा है
कर्णाटक की राजधानी बंगलोरे के सिर्फ 1 अस्पताल में सितम्बर 2017 तक यानि जनवरी से लेकर सितम्बर यानि सिर्फ 9 महीने में 504 बच्चों की मौत सिर्फ मछरों के काटने से हुई है

बंगलोरे के इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चाइल्ड हेल्थ में सिर्फ 9 महीनों में मछरों के काटने से 504 बच्चे मर चुके है, और अब भी मौतों का सिलसिला जारी है
पर बंगलोरे पर बहस थोड़ी होगी, बहस तो सिर्फ गोरखपुर पर होगी
बंगलोरे और कर्णाटक में तो बहार है, क्यूंकि वहां पर कांग्रेस की जो सरकार है