जिनकी ऊपर आप तस्वीर देख रहे है, ये देश के बड़े नेता रहे है, इनकी पार्टियों की सरकारें रही है, और ये चारों की नेता आज इस जुगाड़ में लगे हुए है की इनकी राजनीति किस प्रकार बचे, ये तमाम नेता 4 साल पहले तक देश के प्रधानमंत्री के दावेदार थे
हम मजाक नहीं कर रहे, ये हकीकत है - मायावती खुद को प्रधानमंत्री का दावेदार बताती थी, और पुरे देश में इनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव भी लड़ती थी, आज मायावती की स्तिथि ये है की अपने लिए 1 राज्यसभा की सीट के लिए जूझ रही है, सपा को यूपी के लोकसभा उपचुनावों में समर्थन दिया है ताकि सपा इनको राज्यसभा में भेज सके
मुलायम सिंह भी प्रधानमंत्री के दावेदार थे, आपको पता है 2012 में ये खुद यूपी के मुख्यमंत्री नहीं बने बल्कि अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाया, और अखिलेश यादव ये कहकर काम करने लगे की नेताजी को प्रधानमंत्री बनाना है, मुलायम भी प्रधानमंत्री के दावेदार थे, आज इनकी राजनीती तो ख़त्म हो ही गयी है, इनकी पार्टी की स्तिथि भी दयनीय हो चुकी है, अकेले लड़ने की बिलकुल भी हिम्मत नहीं रही अब इनकी पार्टी में, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ लिया और अब लोकसभा के उपचुनावों में बसपा का
लालू यादव - ये भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे और कहा करते थे की - "ONE DAY I WILL BECOME PM OF THIS COUNTRY", PM कहते कहते CM भी नहीं रहे, आज लालू यादव जेल में है, और इनकी पार्टी अब अपनी राजनीती को बचाने के लिए जूझ रही है, दूसरों से गठबंधन कैसे हो इसी की जुगाड़ में इनकी पार्टी रहती है
और हमारी लिस्ट में आखिरी नेता राहुल गाँधी - ये तो जन्म से ही इस देश के प्रधानमंत्री पद के उमीदवार रहे है, आज इनकी पार्टी की क्या स्तिथि है ये आप भी जानते है, इनकी पार्टी अब सिर्फ इसी जुगाड़ में रहती है की किस प्रकार दूसरों से गठबंधन हो, और अपना वजूद बचाया जाये, एक के बाद एक इनकी पार्टी देश और फिर राज्यों से सिमट गयी, और 2019 में कहीं खुद ये अपनी सीट भी अमेठी में न हार जाए पार्टी को अब इसका भी भय होने लगा है
सिर्फ 4 साल पहले तक ये सभी नेता प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे, मोदी ने इन सभी की राजनीती की ये स्तिथि कर दी की ये अपने वजूद के लिए आज लड़ रहे है, और जल्द ऐसा भी मुमकिन है की इनका राजनितिक वजूद बिलकुल ही ख़त्म हो जाये
हम मजाक नहीं कर रहे, ये हकीकत है - मायावती खुद को प्रधानमंत्री का दावेदार बताती थी, और पुरे देश में इनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव भी लड़ती थी, आज मायावती की स्तिथि ये है की अपने लिए 1 राज्यसभा की सीट के लिए जूझ रही है, सपा को यूपी के लोकसभा उपचुनावों में समर्थन दिया है ताकि सपा इनको राज्यसभा में भेज सके
मुलायम सिंह भी प्रधानमंत्री के दावेदार थे, आपको पता है 2012 में ये खुद यूपी के मुख्यमंत्री नहीं बने बल्कि अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाया, और अखिलेश यादव ये कहकर काम करने लगे की नेताजी को प्रधानमंत्री बनाना है, मुलायम भी प्रधानमंत्री के दावेदार थे, आज इनकी राजनीती तो ख़त्म हो ही गयी है, इनकी पार्टी की स्तिथि भी दयनीय हो चुकी है, अकेले लड़ने की बिलकुल भी हिम्मत नहीं रही अब इनकी पार्टी में, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ लिया और अब लोकसभा के उपचुनावों में बसपा का
लालू यादव - ये भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे और कहा करते थे की - "ONE DAY I WILL BECOME PM OF THIS COUNTRY", PM कहते कहते CM भी नहीं रहे, आज लालू यादव जेल में है, और इनकी पार्टी अब अपनी राजनीती को बचाने के लिए जूझ रही है, दूसरों से गठबंधन कैसे हो इसी की जुगाड़ में इनकी पार्टी रहती है
और हमारी लिस्ट में आखिरी नेता राहुल गाँधी - ये तो जन्म से ही इस देश के प्रधानमंत्री पद के उमीदवार रहे है, आज इनकी पार्टी की क्या स्तिथि है ये आप भी जानते है, इनकी पार्टी अब सिर्फ इसी जुगाड़ में रहती है की किस प्रकार दूसरों से गठबंधन हो, और अपना वजूद बचाया जाये, एक के बाद एक इनकी पार्टी देश और फिर राज्यों से सिमट गयी, और 2019 में कहीं खुद ये अपनी सीट भी अमेठी में न हार जाए पार्टी को अब इसका भी भय होने लगा है
सिर्फ 4 साल पहले तक ये सभी नेता प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे, मोदी ने इन सभी की राजनीती की ये स्तिथि कर दी की ये अपने वजूद के लिए आज लड़ रहे है, और जल्द ऐसा भी मुमकिन है की इनका राजनितिक वजूद बिलकुल ही ख़त्म हो जाये