Brings Latest News in Hindi Today on Politics, Business, Anti Secular News

जिसने संस्कृति का नाश किया उसके लिए 3 दिन शोक, संस्कृति के रक्षक के लिए कोई शोक नहीं

आपको चाहे कितना भी बुरा लगे पर हम सच लिखेंगे और जरूर लिखेंगे, और सच ये है की भारत महान देश हुआ करता था, पर हमारा महान देश अब बर्बाद हो चूका है, हमारे लोगों की मानसिकता का नाश हो गया है, हमारी महान संस्कृति बर्बाद की जा चुकी है, और ये बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे है  
विदेश (मेसेडोनिया) से एक ईसाई महिला आई, जो की रोम की एजेंट थी, रोम के पैसे से उसने भारत में लाखों हिन्दुओ का, गरीब हिन्दुओ का इलाज और अन्य मदद के नाम पर और भारत की सेकुलरिज्म के मदद से धर्मांतरण किया 

धर्मांतरण का मतलब है हिन्दू संस्कृति के लोगो को ईसाई बनाया विदेशी संस्कृति का बना दिया, इसका मतलब है भारतीय संस्कृति का नाश किया, भारत की संस्कृति का, हमारे पूर्वजो की संस्कृति का नाश किया, आज देश में कई ईसाई बहुल राज्य भी बन चुके है

जब रोम की ये एजेंट जिसका नाम था टेरेसा वो मरी तो इस देश में 3 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया, जिस महिला ने भारत की संस्कृति का बड़े पैमाने पर नाश किया उसने मौत पर 3 दिन का  राष्ट्रीय शोक 

वहीँ दूसरी तरह भारत के ही शंकराचार्य जी, जिनका नाम जयेन्द्र सरस्वती था,  उन्होंने जीवन भर संस्कृति की रक्षा की, तमिलनाडु का आज भी पूरी तरह ईसाईकरण नहीं हुआ, इसके लिए उनका सबसे बड़ा योगदान रहा, उनके मठ द्वारा हज़ारों अस्पताल, अनाथालय चलाये जाते है, और जहाँ धर्मांतरण भी नहीं किया जाता, मुसलमानो ईसाईयों सबको मदद दी जाती है कांची हिन्दू मठ द्वारा 

जब भारतीय संस्कृति का ये रक्षक चला गया तो उसके लिए 1 दिन का भी शोक नहीं, यानि की हमारे देश की ये स्तिथि है की इस देश की संस्कृति का नाश करने वाली इस देश की संस्कृति के रक्षक से ज्यादा बड़ी है इस देश के लिए, अब आप बताइये की क्या हम मानसिक और सांस्कृतिक तौर पर बर्बाद नहीं हो चुके है !