आजकल अदालतों द्वारा जिस प्रकार हिन्दू त्योहारों पर फैसले सुनाये जा रहे है
ऐसा एक भी हिन्दू त्यौहार अब शायद बचा हो जिसमे अदालतों ने अतिक्रमण न किया हो, वहीँ दूसरे धर्म के त्योहारों पर अदालतें सुनवाई भी स्वीकार करती
हिन्दू जनता और हिन्दू हित के लिए काम करने वाले नेताओं के मन में इस भेदभाव के खिलाफ अब रोष बढ़ता ही जा रहा है और अब न्यायपालिका के कार्य पर प्रश्न उठने लगा है
हिन्दू समाज पार्टी के प्रमुख कलेश तिवारी ने तो मांग कर दी की
जज हिन्दू भावनाओ के खिलाफ काम कर रहे है, जनभावनाओं के खिलाफ काम कर रहे है, हिन्दुओ का दमन किया जा रहा है
जो जज ऐसा कर रहे है उनकी सैलरी रोक देनी चाहिए, उनकी सुरक्षा को वापस ले लेना चाहिए
चूँकि ये सबकुछ जनता के टैक्स के पैसों से मुहैया करवाया जाता है